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चंडीगढ़। अवैध खनन के मामले में खनन माफिया व पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत जैसी टिप्पणियों के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अवैध खनन मामले की जांच का अब तक का रिकॉर्ड तलब कर लिया है। कोर्ट के आदेश पर सोमवार को पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य व डिप्टी पुलिस कमिश्नर हिमांद्री कौशिक पेश हुए। कोर्ट ने मंगलवार को दोनों को पूरे रिकॉर्ड के साथ हाजिर रहने का आदेश दिया है।
याचिका दाखिल करते हुए पंचकूला निवासी दीपक शर्मा ने गत वर्ष नवंबर में चंडीमंदिर पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर में अग्रिम जमानत की मांग की थी। अवैध खनन और भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। हाईकोर्ट ने कहा कि वर्तमान मामले में शिकायतकर्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं। स्टेटस रिपोर्ट देखकर कोर्ट ने कहा कि वर्तमान मामले में जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है। ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को बचाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।
इसके अलावा, पुलिस के बहुत वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता के संबंध में आरोप लगाए हैं, जबकि इस मामले की जांच पहले सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी द्वारा की गई थी। अब पुलिस उपायुक्त स्तर के अधिकारी को वर्तमान मामले का जांच अधिकारी बनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस घोटाले में खनन विभाग और पुलिस विभाग के आला अधिकारियों की संलिप्तता है और पुलिस अब जांच को दबाने की कोशिश कर रही है, जिसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।