चीन बार्डर जाएंगे मुख्यमंत्री सुक्खू: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री भी साथ रहेंगे, वाइब्रेंट विलेज छितकुल में चल रही निर्माण गतिविधियों का लेंगे जायजा

चीन बार्डर जाएंगे मुख्यमंत्री सुक्खू: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री भी साथ रहेंगे, वाइब्रेंट विलेज छितकुल में चल रही निर्माण गतिविधियों का लेंगे जायजा

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शिमलाएक घंटा पहले

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केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को दिल्ली हिमाचल का पारंपरिक बाध्य यंत्र नरसिंघा भेंट करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू       (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को दिल्ली हिमाचल का पारंपरिक बाध्य यंत्र नरसिंघा भेंट करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू (फाइल फोटो)

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह आज किन्नौर ​के दौरे पर रहेंगे। यहां पर​​​​​​ दोनों नेता चीन सीमा से सटे वाइब्रेंट विलेज छितकुल में विभिन्न निर्माण गतिविधियों का जायजा लेंगे।

मोदी सरकार ने छितकुल गांव को वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत टूरिज्म और इन्फ्रॉस्ट्रक्चर बनाने के लिए चिन्हित कर रखा है। इसके तहत हिमाचल के किन्नौर में आखिरी गांव छितकुल में भी विभिन्न गतिविधियां चल रही है।

क्या है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का मकसद भारत-चीन सीमा पर बसे गांवों का समग्र विकास करना है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 4,800 करोड़ रुपए का खर्च निश्चित किया है। इसके अलावा इन गांवों में सड़कों के नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 2,500 करोड़ रुपए अलग से आवंटित किए गए हैं।

भारत सरकार ने जिन गांवों को चुना है, ये वह गांव हैं जो कि भारत-चीन सीमा पर फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में जाने जाते हैं। खास बात यह है कि गांवों में चल रहे बॉर्डर प्रोग्राम्स से इसका कोई लेना देना नहीं है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम उससे अलग प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट का मुआयना सीधे तौर पर केंद्र सरकार के अधिकारी कर रहे हैं।

पहले शिमला पहुंचेंगे आरके सिंह

इससे पहले केंद्रीय ऊर्जा मंत्री शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट में उतरेंगे। यहां पर उनका स्वागत मुख्यमंत्री सुक्खू खुद करेंगे। शिमला से दोनों नेता किन्नौर जाएंगे और आज रात को दोनों किन्नौर में ही रुकेंगे। इस दौरान वह स्थानीय लोगों की समस्याओं को भी सुनेंगे।

वाटर सैस के मसले पर चर्चा संभावित

किन्नौर प्रवास के दौरान दोनों के बीच पावर प्रोजेक्ट पर वाटर सैस को लेकर भी चर्चा होगी, क्योंकि केंद्र ने हिमाचल के वाटर सैस को असंवैधानिक करार दिया है। सच्चाई यह है कि हिमाचल से पहले भाजपा शासित उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर भी वाटर सैस वसूल रहा है। जाहिर है कि इस मसले पर मुख्यमंत्री सुक्खू केंद्र से नरमी बरतने को कहेंगे। इसी तरह राज्य में स्थापित पावर प्रोजेक्ट में हिमाचल की हिस्सेदारी बढ़ाने तथा पावर प्रोजेक्टों में मिलने वाली 12 फीसदी रायल्टी को बढ़ा कर 30 प्रतिशत करने का भी आग्रह करेंगे।

शानन प्रोजेक्ट, BBMB प्रोजेक्ट का मसला भी उठाएंगे

साल 2024 में शानन पावर प्रोजेक्ट की लीज खत्म हो रही है। प्रदेश सरकार लीज खत्म होने के बाद शानन प्रोजेक्ट को अपने अधीन लेना चाहती है। BBMB परियोजनाओं में प्रदेश के हिस्से की करोड़ों की रकम पंजाब व हरियाणा देने से आनाकानी कर रहे हैं। इन मुद्दों को लेकर भी केंद्रीय मंत्री से CM सुक्खू मंत्रणा कर सकते हैं।

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