Last Updated:
केंद्र सरकार ने वकीलों के विरोध के बाद अधिवक्ता (संशोधन) बिल 2025 वापस ले लिया. इस बिल में एडवोकेट एक्ट 1961 में बड़े बदलाव प्रस्तावित थे, जिससे 27 लाख वकील प्रभावित होते. धर्मशाला समेत देशभर में अदालतों का काम…और पढ़ें

तरुण शर्मा
हाइलाइट्स
- केंद्र सरकार ने वकीलों के विरोध के बाद अधिवक्ता (संशोधन) बिल 2025 वापस ले लिया.
- इस बिल में एडवोकेट एक्ट 1961 में बड़े बदलाव प्रस्तावित थे.
- धर्मशाला समेत देशभर में अदालतों का काम ठप कर दिया गया था.
धर्मशाला: केंद्र सरकार ने अधिवक्ता (संशोधन) बिल 2025 को पूरी तरह वापस ले लिया है. इस फैसले के बाद देशभर के वकीलों में खुशी की लहर दौड़ गई. अधिवक्ता (संशोधन) बिल 2025 का कई जगहों पर विरोध हो रहा था, जिसमें धर्मशाला के वकील भी बढ़- चढ़कर शामिल थे.
इस कड़ी में धर्मशाला बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने अदालतों के काम बंद कर दिए गए थे. बुधवार को धर्मशाला के अधिवक्ताओं ने प्रस्तावित संशोधन के विरोध में प्रदर्शन किया और बिल की प्रतियां जलाईं थी.
सरकार ने वापिस लिया अपना फैसला
बता दें कि इस बिल में एडवोकेट एक्ट 1961 में बड़े बदलाव करने का प्रस्ताव था. वकीलों का मानना था कि ये बदलाव उनके अधिकारों और स्वतंत्रता पर असर डाल सकते हैं. सरकार इस बिल के जरिए कानूनी पेशेवरों की परिभाषा बदलने और वकालत के दायरे को बढ़ाने का प्रयास कर रही थी. इससे देशभर के 27 लाख वकील प्रभावित होते हैं.
धर्मशाला बार एसोसिएशन समेत कई जगहों पर अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन किए हैं. यहां अदालतों का काम ठप कर दिया गया था और बिल की प्रतियां तक जलाई गईं. आखिरकार सरकार को वकीलों की एकता के आगे झुकना पड़ा और बिल को वापस लेना पड़ा.
धर्मशाला बार एसोसिएशन ने किया धन्यवाद
धर्मशाला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तरुण शर्मा ने सरकार के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह अधिवक्ताओं के हक की लड़ाई थी, जिसे हमने जीत लिया. अगर यह कानून लागू होता तो इससे लाखों वकीलों के भविष्य पर असर पड़ता. इसी को लेकर धर्मशाला सहित पूरे प्रदेश में वकीलों ने काम बंद करके सरकार को अपनी एकजुटता दिखाई. इसी दबाव के चलते सरकार को अपना फैसला वापिस लेना पड़ा.
सरकार ने लिया फैसला वापस
देशभर के वकीलों ने इस बिल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. अदालतों में कामकाज ठप होने से सरकार पर दबाव बढ़ता गया. इसी को देखते हुए सरकार ने बिल को पूरी तरह से वापस लेने का ऐलान कर दिया. इस फैसले से वकीलों में जश्न का माहौल है. उन्होंने इसे “न्याय की जीत” बताया और कहा कि यदि भविष्य में कोई ऐसा कदम उठाया गया तो वे फिर से एकजुट होकर विरोध करेंगे.
Kangra,Himachal Pradesh
March 09, 2025, 12:37 IST
वकीलों की हुंकार से झुकी केंद्र सरकार! अधिवक्ता (संशोधन) बिल 2025 वापस