150 बस रूट बंद: चंडीगढ़-शिमला हाइवे-5 बंद होने से शिमला में नहीं पहुंचा दूध व ब्रेड
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150 बस रूट बंद: चंडीगढ़-शिमला हाइवे-5 बंद होने से शिमला में नहीं पहुंचा दूध व ब्रेड


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शिमला21 घंटे पहले

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चंडीगढ़-शिमला हाइवे-5 बंद होने से शिमला शहर में रहने वाले लोगों पर भी असर पड़ा है। लोगों को दूध-ब्रेड की सप्लाई नहीं मिली। निचले क्षेत्रों से आने वाले बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई। इससे राशन की सप्लाई भी रूक गई। हालांकि, छोटे वाहनों के लिए दोपहर तक चक्की मोड़ के पास सड़क को खोल दिया। छोटे वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग भी खोले गए हैं, लेकिन बड़े वाहनों के लिए आवाजाही ठप हैं। यातायात को वैकल्पिक सड़क जंगेशू-कसौली होते डायवर्ट किया है।

इससे जंगेशू-कसौली सड़क पर भी ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में शिमला से सेब से लदे ट्रक भी चंडीगढ़-शिमला हाइवे-5 होकर जाते हैं, ऐसे में कई ट्रक बीती मंगलवार आधी रात से सड़कों पर फंसे हुए हैं। शहर में वेरका दूध की सप्लाई करने वाले अन्नाडेल के डीलर गिरीश शर्मा ने बताया कि शहर के लिए 24 हजार लीटर दूध व 4 हजार ब्रेड आती हैं।

लेकिन सड़क बंद होने से नहीं आई। हाइवे-5 बंद होने से एचआरटीसी की बसों को शिफ्टिंग में चलाया है। वहीं, चंडीगढ़ समेत बाहरी राज्य जाने वाले करीब 150 रूट बंद हुए हैं। वहीं, दिल्ली जैसे लांग रूट के लिए वाया नैना टिक्कर होकर बसों को भेजा जा रहा है। इसके अलावा बसों की शिफ्टिंग में यात्रियों को भेजा जा रहा है। बसों में यात्रियों को पहले शिमला से कोटी तक फिर वहां से चंडीगढ़ व पंजाब के लिए दूसरी बस में यात्रियों को भेजा जा रहा है।

वैकल्पिक मार्ग से बड़े वाहन नहीं आ पाएंगे : हाइवे 5 बंद होने से जहां बसों और छोटी गाड़ियों के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाए गए हैं वहीं ट्रकों और दूध ब्रेड लाने वाली बड़ी गाड़ियों के लिए फिलहाल कोई विकल्प मौजूद नहीं है। ऐसे में शहर को जरूरी सामान के लिए आने वाले दो से तीन दिनों में भी परेशानी हो सकती है। बंद पड़े मार्गों को खोलने के प्रयास तो है रहे हैं लेकिन बार-बार लैंड स्लाइड होने से दिक्कतें बढ़ती जा रही है।

भवन के बाहर खड़ी दो गाड़ियां भी मलबे में दब गई।

किसान भवन खाली करवाया : लैंड स्लाइड के बाद पीडब्ल्यूडी द्वारा मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है। लेकिन किसान भवन में अब कोई स्टे नहीं होगा। इससे पूरी तरह से खाली कर दिया गया है।

लैंड स्लाइड होने के बाद किसान भवन के कमरों में आए पत्थर और मलबा।

गाड़ियां आई चपेट में: इस भूस्खलन में पार्क की गई 2 गाड़ियों पर भी मलबा गिरा। गनीमत रही कि हादसे के समय गाड़ी में कोई व्यक्ति सवार नहीं था। जिससे कोई बड़ा हादसा पेश नहीं आया। वहीं किसान भवन में भी सेब सीजन के लिए पुलिस जवान ठहराए हुए हैं। जो शिमला के अलग-अलग क्षेत्रों में ट्रैफिक रेगुलेट करने को तैनात किए हैं और रात को इस जगह रहते हैं। अगर रात के समय यह लैंडस्लाइड होता तो जान माल की भारी क्षति हो सकती थी।

किसान भवन के चार-पांच कमरे हुए क्षतिग्रस्त : शिमला के ढली इलाके में किसान भवन के साथ लैंड स्लाइड हुआ। इस वजह से एपीएमसी के किसान भवन को भी नुकसान पहुंचा है। बुधवार सुबह 9 बजे के करीब यह हादसा हुआ। जिससे बिल्डिंग के चार-पांच कमरे क्षतिग्रस्त हुए। तीन कमरों में काफी ज्यादा पत्थर गए जिस वजह से किसान भवन को खाली करवाया गया है। इस जगह रुक रुककर पत्थर गिर रहे हैं।

शिमला के ढली में भारी लैंड स्लाइड, किसान भवन के कमरों में घुसे पत्थर, खतरे की जद में आई बिल्डिंग



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