हिमाचल में लैंडस्लाइड के कारण आएंगे सामने: GSI-CBRI व NIT संस्थान करेंगे स्टडी; इस बार 161 घटनाओं में 110 लोगों की हुई मौत
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हिमाचल में लैंडस्लाइड के कारण आएंगे सामने: GSI-CBRI व NIT संस्थान करेंगे स्टडी; इस बार 161 घटनाओं में 110 लोगों की हुई मौत


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शिमला18 मिनट पहले

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कुल्लू के आनी में 30 सेकेंड में 8 बिल्डिंग ध्वस्त हो गई थीं।

हिमाचल सरकार प्रदेश में लैंडस्लाइड के कारणों का अध्ययन कराने जा रही है। इसके लिए सभी शहरों में अलग अलग एजेंसी अनुबंधित की जा रही है। इसकी डिटेल स्टडी के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI), सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) रुड़की, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मंडी (IIT) मंडी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) हमीरपुर जैसे शीर्ष संस्थानों को शामिल किया गया है।

शिमला में सदी की सबसे भीषण तबाही के कारणों का पता GSI लगाएगी। वहीं कुल्लू में लैंडस्लाइड के कारण IIT मंडी के विशेषज्ञ पता करेंगे। राज्य के अन्य शहरों व गांव में भी लैंडस्लाइड व जमीन धंसने के कारणों का पता लगाया जाएगा। इसके लिए CBRI, NIT जैसे संस्थानों को जिम्मा दिया जा रहा है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के डायरेक्टर डीसी राणा ने बताया कि विनाशकारी लैंडस्लाइड के पीछे के कारणों का पता लगाने के अलावा, ये टीमें भविष्य में ऐसी आपदा की संभावना को कम करने के उपाय भी सुझाएंगी। उन्होंने बताया कि सभी संस्थान लैंडस्लाइड के कारणों को समझने के लिए भू-भौतिकीय सर्वेक्षण, मिट्टी परीक्षण आदि जैसे कई अध्ययन करेंगी।

लैंडस्लाइड से 110 की मौत, अकेले शिमला जिले में 51 की जान गई
SDMA के अनुसार, प्रदेश में इस मानसून में अब तक लैंडस्लाइड की 161 बड़ी घटनाएं पेश आई हैं। इनमें जान व माल का भारी नुकसान हुआ है। जानी नुकसान शिमला जिले में सबसे ज्यादा हुआ है।

लैंडस्लाइड की घटनाओं में 110 लोगों की मौत हुई है। इनमें 51 लोगों की जान अकेले शिमला जिला में गई है। लैंडस्लाइड से लगभग 30 लोगों की मौत शिमला शहर में ही हुई है।

तबाही का डॉक्यूमेंट करेंगे तैयार: राणा
डीसी राणा ने बताया कि इन संस्थानों की टीमें रिपोर्ट का डॉक्यूमेंट भी तैयार करेंगी, ताकि लोग जान व समझ सकें कि आखिर इतनी तबाही किन कारणों से हुई है। हमारे पास 1905 में कांगड़ा के भूकंप की तबाही का भी डॉक्यूमेंट है, ठीक उसी तरह इस बार की तबाही का भी डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा।

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