हिमाचल में राज्य आपदा घोषित: तबाह हो चुके इन्फ्रास्ट्रक्चर को दोबारा खड़ा करने और लोगों को मदद पहुंचाने का काम तेज होगा
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हिमाचल में राज्य आपदा घोषित: तबाह हो चुके इन्फ्रास्ट्रक्चर को दोबारा खड़ा करने और लोगों को मदद पहुंचाने का काम तेज होगा


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शिमला3 दिन पहले

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू

हिमाचल प्रदेश में सदी की सबसे भीषण तबाही को देखते हुए सुक्खू सरकार ने ‘स्टेट डिजास्टर’ घोषित कर दिया है। सचिव आपदा प्रबंधन ओंकार शर्मा ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। स्टेट डिजास्टर घोषित होने के बाद प्रदेश में राहत एवं बचाव कार्य में तेजी आ सकेगी।

सरकार ज्यादा फोकस के साथ तबाह हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर को दोबारा बनाने और प्रभावितों के राहत एवं पुनर्वास के लिए कार्य करेगी। इसके लिए सरकार को अतिरिक्त फंड का भी प्रावधान करना होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि पिछले दिनों से भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से प्रदेश में जान व माल का भारी नुकसान हुआ है।

राज्य में पेयजल, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था व सड़कों सहित अन्य संसाधनों को भी भारी क्षति पहुंची है। अभी तक राज्य में 12 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 330 लोगों की बहुमूल्य जान चली गई हैं। प्रदेश में अभी तक 10 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक का नुकसान आंका गया है।

मंडी में भारी बारिश से क्षतिग्रस्त मकान, ठीक इसी तरह प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी इस बार 1792 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त, जबकि 9000 से ज्यादा घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है

मंडी में भारी बारिश से क्षतिग्रस्त मकान, ठीक इसी तरह प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी इस बार 1792 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त, जबकि 9000 से ज्यादा घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है

कृषि और बागवानी को भी नुकसान
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य में संचार व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। राज्य में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है और व्यावसायिक गतिविधियां भी आपदा से अछूती नहीं रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। खतरे के दृष्टिगत बहुत से लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकालकर दूसरे स्थानों पर पहुंचाया गया है।

राष्ट्रीय आपदा का अधिकार केंद्र के पास
राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के सवाल पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि यह केंद्र का अधिकार है। उन्होंने राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का मामला केंद्र से उठाया है। प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। राज्य सरकार के अपने सभी दरवाजे खुले है।

आपदा प्रभावितों की मदद की जा रही है। हिमाचल को अभी भी केंद्र सरकार से पहली अंतरिम राहत राशि की जरूरत है। प्रदेश में इस आपदा से कई परिवार उजड़े हैं। इन्हें आर्थिक सहायता की जरूरत है।

प्रदेश में कुदरत की तबाही

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हिमाचल में जल्द घोषित हो राष्ट्रीय आपदा
ठियोग के पूर्व विधायक एवं माकपा नेता राकेश सिंघा ने केंद्र से इसे जल्द राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में हजारों परिवार उजड़ गए। इन्फ्रॉस्ट्रक्चर बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसे वक्त में राजनीति नहीं होनी चाहिए और जैसा उत्तराखंड में 2013 में रष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया था, हिमाचल में भी होना चाहिए।

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