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देवेंद्र हेटा, शिमला2 घंटे पहले
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हिमाचल सरकार पूर्व जयराम गवर्नमेंट की फाइनेंशियल मिस मैनेजमेंट के खिलाफ श्वेत पत्र लाने जा रही है। इसका ड्राफ्ट आज डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट सब कमेटी की मीटिंग में फाइनल किया जाएगा। इसमें कृषि मंत्री चंद्र कुमार और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह सदस्य हैं।
सूत्रों की मानें तो 18 सितंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान इस व्हाइट पेपर को प्रस्तुत किया जा सकता है। वित्त विभाग के अधिकारियों ने रिपोर्ट को फाइनल कर दिया है, क्योंकि बीते 9 जून की कैबिनेट सब कमेटी की मीटिंग में श्वेत पत्र को एक महीने में फाइनल करने के निर्देश दिए गए थे। मगर, राज्य में आई आपदा के कारण रिपोर्ट फाइनल करने में देरी हुई।

प्रदेश में पहली बार आर्थिक बदहाली को लेकर आएगा श्वेत पत्र
हिमाचल में यह पहला अवसर होगा, जब किसी पूर्व सरकार के खिलाफ इस तरह से वित्त प्रबंधन को लेकर श्वेत पत्र लाया जा रहा है। प्रदेश में पिछले छह-सात सालों के दौरान कर्ज को लेकर खूब राजनीति होती रही है। पूर्व वीरभद्र सरकार पर भी विपक्ष में रहते BJP ज्यादा कर्ज लेने के आरोप लगाती रही है।
BJP के कार्यकाल तक 73 हजार करोड़ का कर्ज चढ़ा
साल 2017 से 2022 के बीच भारतीय जनता पार्टी ने भी कर्ज लेने के रिकॉर्ड तोड़े है। इससे विधानसभा चुनाव में भी यह बड़ा मुद्दा बना है। BJP जब प्रदेश की सत्ता से बाहर हुई है, सुक्खू सरकार के अनुसार, प्रदेश पर तब 73 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया था। यही नहीं 10 हजार करोड़ से ज्यादा की देनदारी कर्मचारियों की भी सरकार पर बकाया है।

पैदा होने वाले हरेक बच्चे पर 94 हजार का ऋण
इससे प्रदेश में पैदा होने वाले प्रत्येक बच्चे पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू बार-बार हिमाचल की आर्थिक सेहत बिगाड़ने के पूर्व जयराम सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं।
कर्ज को लेकर छह-सात सालों से होती तीखी बहस
कर्ज को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष अलग-अलग आंकड़े पेश करता रहा है। ऐसे में श्वेत पत्र आने के बाद उम्मीद की जा रही है कि इससे हिमाचल की आर्थिक सेहत किसने बिगाड़ी, जनता को यह मालूम पड़ जाएगा। जाहिर है कि श्वेत पत्र आने के बाद विपक्ष भी आक्रामक हो जाएगा। इसके संकेत नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर कैबिनेट सब कमेटी के गठन के बाद ही दे चुके हैं।
