हिमाचल में आसमान से बरस रही आफत: 72 घंटे जारी है बारिश; मंडी में 19 तो शिमला में 16 की मौत, बीती रात भी खूब तबाही
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हिमाचल में आसमान से बरस रही आफत: 72 घंटे जारी है बारिश; मंडी में 19 तो शिमला में 16 की मौत, बीती रात भी खूब तबाही


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शिमला31 मिनट पहले

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कांगड़ा के देहरा पुल को छूती हुई नदी

हिमाचल में आसमान से लगातार आफत की बारिश जारी है। प्रदेश में पिछले 72 घंटे से भी अधिक समय से निरंतर बारिश हो रही है। इससे 52 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं लगभग 30 लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका हैं। बीती रात भी प्रदेश में भारी बारिश हुई है। इससे और नुकसान की संभावना है।

मंडी जिले में सबसे ज्यादा 19 लोगों की जान चली गई है। वहीं शिमला में 16, सोलन में 10, सिरमौर में 4, चंबा, हमीरपुर व कांगड़ा में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई है। कांगड़ा में 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा 273 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।

शिमला के बालूगंज में शिव मंदिर पर हुए लैंडस्लाइड में दबे सभी लोगों को अब तक नहीं निकाला जा सका। हालांकि देर रात तक रेस्क्यू चलता रहा। मगर, भारी बारिश रेस्क्यू में बाधा उत्पन्न कर रही है।

शिमला के बालूगंज में शिव बावड़ी मंदिर में दबे लोगों को रेस्क्यू करते हुए

शिमला के बालूगंज में शिव बावड़ी मंदिर में दबे लोगों को रेस्क्यू करते हुए

1200 से ज्यादा सड़कें बंद

प्रदेश में बारिश से कालका-शिमला NH, चंडीगढ़-मनाली, शिमला-धर्मशाला और पांवटा-शिलाई नेशनल हाईवे सहित 1200 सड़कें बंद पड़ी है। इससे 2000 से ज्यादा रूटों पर बस सेवाएं प्रभावित हुई है। भारी बारिश से कालका-शिमला रेलवे ट्रैक भी खतरे में आ गया।

यूनेस्को की ओर से वर्ल्ड हेरिटेज घोषित 120 साल पुराने इस रेल ट्रैक पर पहली बार रेल पटरियां हवा में लटक गईं। इससे इस ट्रैक के जल्द बहाल होने की उम्मीद भी नहीं बची।

कालका-शिमला रेलवे ट्रैक की हवा में लटकी पटरी

कालका-शिमला रेलवे ट्रैक की हवा में लटकी पटरी

सैकड़ों घर, कस्बे और खेत जलमग्न

प्रदेश में सैकड़ों घर, कई कस्बे और किसानों की हजारों बीघा उपजाऊ जमीन जलमग्न हो गई है। इससे दो दिन में ही करोड़ों रुपए का नुकसान सरकारी व निजी संपत्ति को हो चुका है। कई जगह गाड़ियां पानी के तेज बहाव में तिनके की तरह बह रही है। पिछले दो दिनों में 45 से ज्यादा घर पूरी तरह और 280 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए है। इस दौरान लगभग 170 गौशालाएं, दुकानें व घ्राट भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। आसमान से बरस रही आफत से पहाड़ों की जनता सहम गई है।

पेयजल योजनाएं प्रभावित

नदी-नालों के उफान पर होने से 400 से ज्यादा पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई है। जहां पेयजल योजनाएं चल रही हैं, उनमें ज्यादा गाद के कारण पानी पीने योग्य नहीं है। लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने से बिजली के पोल व तारों को भी भारी नुकसान हुआ है। इससे सैकड़ों परिवारों की बीती रात अंधेरे में गुजरी। भारी बारिश के बाद 4697 बिजली के ट्रांसफॉर्मर भी ठप्प हो गए है।

283 की जा चुकी जान

प्रदेश में चालू मानसून सीजन के दौरान 283 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 290 व्यक्ति घायल हुए हैं। लैंडस्लाइड व फ्लैश फ्लड की चपेट में आने के बाद 32 लोग लापता चल रहे हैं। प्रदेश में अब तक अब तक 1376 घर ढह चुके हैं, जबकि 7935 घरों को नुकसान पहुंचा है। इनमें कई घर ऐसे है, जिन्हें खाली करवा दिया गया है। वहीं 270 दुकानों, 216 लैबर शैड और 2727 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है।

7170 करोड़ की संपत्ति तबाह

मानसून में अब तक 7170 रुपए की सरकारी व गैर सरकारी संपत्ति तबाह हो चुकी है। अकेले जल शक्ति विभाग को 1668.68 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 2248.69 करोड़, बिजली बोर्ड को 1505.73 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।



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