चंडीगढ़एक घंटा पहले
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आपदा की मार सह रहे हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि ऐसी आपदा प्रदेश ने बीते 50 सालों में नहीं देखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हुए नुकसान का आंकड़ा आठ हजार करोड़ के पार जा सकता है। हिमाचल ने आर्थिक मदद जुटाने के लिए आपदा राहत कोष-2023 का गठन किया है, कांग्रेस के सभी 40 विधायक आपदा राहत कोष में अपनी एक महीने की तनख्वाह दान करेंगे।
इसके अलावा सरकार भाजपा के विधायकों से भी एक महीने की तनख्वाह दान करने का आग्रह करेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि आईएएस एसोसिएशन और एचएसएससी एशियन ने अपने एक-एक दिन का वेतन इस राहत कोष में दे दिया है। फाजिल्का के गांव राम सिंह वाली भैणी की फिरनी के नीचे पुल में बनाया बांध बह गया। खनौरी से गुजरते लुधियाना-दिल्ली नेशनल हाइवे के दो बड़े हिस्से घग्गर के पानी में बह गए, जिससे नेशनल हाइवे पूर्ण तौर पर बंद कर दिया गया। पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत कार्यों के लिए 150 करोड़ रुपए जारी कर दिए।
सीएम भगवंत सिंह मान ने जालंधर और फिरोजपुर में खुद बाढ़ राहत कार्यों का मोर्चा संभाला। हरियाणा में अब तक 13 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। 24 घंटों में 128 गांव और चपेट में आ गए। प्रदेश में पौने चार लाख एकड़ से ज्यादा फसल बाढ़ की चपेट में है।
मानसून के 13 दिन में पंजाब-हिमाचल के बांधों में 3 गुना ज्यादा पानी पहुंचा
मानसून सीजन का पहले 13 दिनों में ही पंजाब और हिमाचल के प्रमुख बांध पानी से लबालब हो गए हैं और वे पानी की अपनी स्टोरेज क्षमता का 50 फीसदी पार कर चुके हैं। वैसे भी अभी मानसून के अढ़ाई महीने से अधिक बाकी बचे हैं।
- भाखड़ा: 13 जुलाई तक भाखड़ा अपनी कुल क्षमता में से 56 फीसदी पानी भर चुका है। बीते साल 13 जुलाई तक भाखड़ा में अपनी कुल क्षमता का महज 21 फीसदी पानी ही स्टोर था।
- पौंग बांध: क्षमता का 40 फीसदी पानी स्टोर कर चुका है जबकि बीते साल 13 जुलाई तक उसमें क्षमता का 11 फीसदी ही पानी था। वहीं कोल बांध से पानी छोड़े जाने के कारण ये बीते सप्ताह 61 फीसदी से कम होकर 25 फीसदी पर आ गया है।
- थीन बांध: क्षमता के 84 फीसदी हिस्सा भर चुका है जबकि बीते साल 13 जुलाई तक इसमें 37 फीसदी पानी ही स्टोर था।