हिमाचल में अप्रैल से जारी बारिश के कारण तबाही: मानसून से पहले हैवी रेनफॉल; 5 महीने ​​​​सामान्य से ज्यादा पानी गिरा, दरके पहाड़
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हिमाचल में अप्रैल से जारी बारिश के कारण तबाही: मानसून से पहले हैवी रेनफॉल; 5 महीने ​​​​सामान्य से ज्यादा पानी गिरा, दरके पहाड़


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देवेंद्र हेटा,शिमला20 घंटे पहले

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हिमाचल में भारी बारिश के कारण कई लोग बेघर हो गए हैं। कई घर जमींदोज हो गए।

हिमाचल प्रदेश में सदी की सबसे भीषण तबाही मानसून की बारिश से नहीं बल्कि अप्रैल महीने से निरंतर हो रही भारी बरसात से हुई है। पहाड़ों पर अप्रैल महीने से ही निरंतर नॉर्मल से ज्यादा बारिश हो रही है। इससे पहाड़ों की पकड़ ढीली हुई है और पहाड़ भरभराकर गिर रहे हैं।

मैदानी राज्यों के साथ-साथ पहाड़ों पर भी अप्रैल से जून तक भयंकर गर्मी पड़ती है। मगर, इस बार प्रदेश में अप्रैल से जून के बीच भी बारिश ने कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़े हैं। अप्रैल में नॉर्मल से 63% ज्यादा, मई में 83% अधिक, जून में 20% और जुलाई में भी नॉर्मल से 71 प्रतिशत अधिक बादल बरसे।

इसी तरह अगस्त में भी प्रदेश के छह जिलों शिमला, मंडी, सोलन, हमीरपुर, बिलासपुर और कांगड़ा में नॉर्मल से ज्यादा बारिश हुई। इससे खासकर शिमला, सोलन और मंडी में कुदरत ने ज्यादा कहर बरपाया है। हालांकि अगस्त में प्रदेश में नॉर्मल से 4 प्रतिशत कम बारिश हुई है।

प्रदेश में अप्रैल में 64 MM नॉर्मल बारिश होती है। मगर इस बार 104.1MM बरसात हुई है। यह 2021 के बाद आज तक का रिकॉर्ड रेनफॉल है। साल 2021 में सबसे ज्यादा 111.8 MM बारिश हुई थी।

मई 2023 में भी नॉर्मल से 83% ज्यादा बारिश हुई। अमूमन मई में 63.3 MM नॉर्मल बरसात होती है, लेकिन इस बार 116.8 MM मेघ बरसे है। इससे पहले प्रदेश में कभी भी मई में इतनी बारिश नहीं हुई।

जून में सोलन में 215MM बरसात
जून में भी नॉर्मल से 20 प्रतिशत ज्यादा मेघ बरसे। आमतौर पर जून में 101.1MM नॉर्मल बारिश होती है। इस बार 121.7 MM बादल बरसे। 24 जून को मानसून की दस्तक के बाद से 30 जून तक प्रदेश में नॉर्मल से 87 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई। इस अवधि में सोलन जिले में 215 प्रतिशत ज्यादा बरसात ने कहर बरपाया है।

जुलाई में सिरमौर में 1097.5MM बारिश
बारिश और तबाही का दौर जुलाई में भी जारी रहा। पहाड़ों पर जुलाई में भी नॉर्मल से 71 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। अमूमन जुलाई में 255.9MM बारिश होती है, लेकिन इस बार 437.5 मिलीमीटर बारिश हुई। आज तक कभी भी जुलाई में इतनी बारिश नहीं हुई। सिरमौर जिले में सबसे हैवी रेनफॉल 1097.5 मिलीमीटर बारिश जुलाई में दर्ज की गई। इससे पहले 2021 में सर्वाधिक 285.4 MM बारिश हुई थी।

अगस्त में भी 6 जिलों में नॉर्मल से ज्यादा बरसात
अगस्त महीने में बेशक नॉर्मल से 4 प्रतिशत कम बारिश हुई। मगर, छह जिलों में अगस्त की बारिश ने भी कोहराम मचाया है। खासकर शिमला, सोलन और मंडी जिले में जान व माल का भारी नुकसान अगस्त की बारिश से हुआ है।

शिमला का शिव मंदिर हादसा भी अगस्त में हुआ
शिमला में कभी न भुला पाने वाला शिव मंदिर हादसा हुआ, जिसमें 20 लोगों की जान चली गई। अगस्त में 256.8MM नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 247.6 MM बरसात हुई। मंडी जिले में नॉर्मल से 72 प्रतिशत और बिलासपुर जिले में 89 प्रतिशत अधिक बरसात अगस्त में हुई।

367 लोगों की गई जान
प्रदेश में मानसून के दौरान 391 लोगों की जान चली गई है, जबकि 367 लोग घायल और 38 व्यक्ति लंबे समय से लापता है। इस दौरान 8658 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की माने तो प्रदेश में अगले एक सप्ताह तक मानसून कमजोर रहेगा। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर ही हल्की बारिश हो सकती है।

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