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देवेंद्र हेटा,शिमला7 घंटे पहले
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चंडीगढ़-मनाली फोरलेन पर मंडी के छह मील के पास डोजर पर गिरी चट्टानें
हिमाचल प्रदेश में इस साल की बरसात 50 सालों में सबसे खराब है। मानसून ने एक सप्ताह में ही नुकसान के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (SDMA) के अनुसार, भारी बारिश से 4636 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। यह आंकड़ा रोजाना तेजी से बढ़ रहा है। मानसून खत्म होने तक यह आठ हजार करोड़ पार हो सकता है। मुख्यमंत्री सुक्खू इस बात को खुद कह चुके हैं।

चिंता इस बात को लेकर है कि अभी करंट मानसून सीजन के 24 दिन ही बीते है। प्रदेश में मानसून कई बार 120 दिन से भी ज्यादा वक्त तक सक्रिय रहता है। इन 24 दिन में ही बीते सालों की अपेक्षा दो से छह गुणा ज्यादा तबाही हो चुकी है। प्रदेश में इससे पहले मानसून ने कभी भी इतना कहर नहीं बरपाया। इससे
सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं। कई लोगों पर बेघर होने का खतरा बना हुआ है।

2022 में 2500 करोड़ का नुकसान
SDMA के अनुसार, साल 2022 में करीब 2500 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान हुआ था। साल 2021 में 1118.02 करोड़ रुपए, साल 2020 में 853.61 करोड़, साल 2019 में 1170.56 करोड़ तथा साल 2018 में 1520.63 करोड़ रुपए की संपत्ति बरसात में तबाह हुई थी।
बीते सालों में जितनी संपत्ति पूरे मानसून सीजन में तबाह हुई, उससे कहीं ज्यादा इस बार आठ से 11 जुलाई के बीच चार दिन की बारिश में हुई है।

117 की मौत, 121 घायल, 12 लापता
SDMA के मुताबिक, 24 जून से अब तक 117 लोगों की मौत हो गई है। प्रदेशभर में 121 व्यक्ति घायल तथा 12 लोग अभी भी लापता है। भारी बारिश से प्रदेशभर में 500 कच्चे व पक्के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं।
इसी तरह करीब 4000 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। प्रदेश में 133 दुकानें, 1000 गौशलाएं और 935 मवेशियों की भी मौत हो गई है।

सड़क, बिजली व पेयजल योजनाओं को ज्यादा नुकसान
भारी बारिश से सड़कों, पेयजल योजनाओं और बिद्युत लाईन को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। प्रदेश में 33 पुल भारी बारिश से तबाह हुआ, जबकि 1400 से ज्यादा सड़कें बंद हुई थी। आज भी लगभग 700 सड़कें आठ दिन से बंद पड़ी है। जल शक्ति विभाग की 90 प्रतिशत योजनाएं भारी बारिश से तबाह हुई। इनमें से लगभग 1800 योजनाएं ऐसी बताई जा रही है, जिनके पंप स्टेशन ही बाढ़ के पानी में बह गए।

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कल हिमाचल पहुंचेगी दो केंद्रीय टीमें
प्रदेश में भारी बारिश से हुई तबाही के आकलन के लिए कल दो केंद्रीय टीमें हिमाचल पहुंच रही है। एक टीम मंडी, कुल्लू मनाली क्षेत्र का दौरा करेगी, जबकि दूसरी टीम शिमला, सोलन, किन्नौर व सिरमौर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर नुकसान की रिपोर्ट तैयार करेगी और भारत सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। इसी आधार पर केंद्र से हिमाचल को राहत राशि मिलेगी।