Last Updated:
नूरपुर नागनी माता का मंदिर कांगड़ा में स्थित है, जहां सांप-बिच्छू के काटने का उपचार पानी और मिट्टी से होता है. श्रावण-भादों में हर शनिवार को मेला लगता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु आते हैं.

नागनी माता का मंदिर
हाइलाइट्स
- नागनी माता मंदिर में मिट्टी-पानी से सांप-बिच्छू के काटे का इलाज होता है.
- श्रावण-भादों में हर शनिवार को मंदिर में मेला लगता है.
- हजारों श्रद्धालु हिमाचल, पंजाब, हरियाणा से आते हैं.
कांगड़ा. देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों की पावन स्थली है. यहां पर सारा साल अनेकों मेलों व त्यौहारों का आयोजन होता है. इन सभी का महात्म्य किसी न किसी देवी-देवता के नाम से जुड़ा हुआ है. यह मेले सिर्फ हिमाचल में नहीं, अपितु समूचे भारतवर्ष में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं. इन्हीं में से एक है- नूरपुर नागनी माता का मंदिर. इस मंदिर की बात की जाए तो यह बहुत पुराना मंदिर है जिससे लोगों की विशेष आस्था जुड़ी है.
यहां सांप-बिच्छू व अन्य जहरीले जीव-जंतुओं के काटने का उपचार मात्र पानी पिलाकर व मिट्टी, जिसे शक्कर प्रसाद के नाम से जाना जाता है, का लेप लगाकर किया जाता है. पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसे एक छोटे-से गांव नागनी (भडवार) में श्रावण व भादों (जुलाई-अगस्त) मास के दौरान हर शनिवार को मेला लगता है. दो माह तक लगने वाले इन मेलों में हजारों की संख्या में श्रद्धालु हिमाचल प्रदेश के अलावा पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा व जम्मू- कश्मीर से नागनी माता के दर्शनों के लिए यहां पहुंचते हैं.
ऐसी पहुंचे इस मंदिर के दर्शन करने
पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर नूरपुर में बसे एक छोटे-से गांव नागनी (भडवार) में माता नागनी का मंदिर है. यहां पर सावन माह में ही नहीं, अन्य दिनों में भी श्रद्धालुओं की आवाजाही लगी रहती है, जबकि इन दिनों सावन माह में श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहती है और मेलों का आयोजन होता है.
क्या बोले सेवा दल सदस्य
मंदिर के सेवादल सदस्य अग्रज सिंह ने कहा कि इस मंदिर की मान्यता के अनुसार यहां पर सर्प दंश होने पर इलाज किया जाता है, यह नागों की देवी का मंदिर है जो कई सालों से यहां पर है और लोग यहां मंदिर के दर्शन करने दूर दराज के इलाकों से पहुंचते हैं. उन्होंने बताया यहां लगने वाले मेलों का भी विशेष महत्व है इस दौरान भारी संख्या में लोग यहां आते हैं.
Kangra,Himachal Pradesh
March 10, 2025, 17:33 IST
साइंस भी हैरान! इस मंदिर में बिना दवा ठीक होते हैं सांप-बिच्छू के काटे लोग