शिमला3 घंटे पहले
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बिहार के पटना में लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन करते हुए विपक्ष के नेता
केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता से बाहर कैसे किया जाए। इसकी रणनीति पहाड़ों की रानी शिमला में बनेगी। बिहार के पटना में शुक्रवार को संपन्न विपक्षी दलों की मीटिंग में इसका ऐलान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्किलाजुर्न खड़गे ने किया।
माना जा रहा है कि यह मीटिंग 10 से 12 जुलाई के बीच होगी। इसमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दल चर्चा करेंगे। पटना में संपन्न मीटिंग में देश के 17 विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहे।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम सभी बिहार के CM नितिश के घर पर मिले और एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कॉमन एजेंडा पर चर्चा की।
शिमला में बनेगा मोदी सरकार को हराने का रोड मैप
शिमला में होने वाले इस महामंथन में मोदी सरकार को घेरने का रोड मैप बनाया जाएगा। खड़गे ने कहा कि हर राज्य के लिए अलग-अलग तरह की स्ट्रैटजी बनाकर चलना होगा। हमे एक होकर 2024 की लड़ाई लड़नी है।
इसमे हम जरूर कामयाब होंगे। इस बैठक में विपक्षी दलों का संयोजक भी चुना जाना है। इसके अलावा सभी विपक्षी दल एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर भी इसमें मंथन कर सकते हैं।
शिमला में चिंतन के बाद ही देश में बनी थी मनमोहन सरकार
गौरतलब है कि 1998 से 2003 तक देश में NDA सरकार थी। उस दौरान भी शिमला में ही चिंतन शिविर हुआ था और कांग्रेस को इसका फायदा मिला था। तब देश में डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में UPA सरकार बनी। विपक्षी पार्टियों ने दोबारा शिमला में महाबैठक करने का निर्णय लिया। इसमे सभी विपक्षी दल संयुक्त तौर पर चुनाव लड़ने को लेकर ऐलान कर सकते है।
हिमाचल में कांग्रेस सरकार
हिमाचल प्रदेश में छह महीने पहले ही कांग्रेस सत्ता में आई है। लिहाजा यहां से पूरे देश को संदेश देने का प्रयास किया जाएगा कि जिस तरह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ BJP को बाहर खदेड़ा है, ठीक उसी तरह देश से भी भारतीय जनता पार्टी को बाहर करेंगे।
कांग्रेस ने कहा सभी दलों का करेंगे स्वागत
प्रदेश कांग्रेस के संगठन महासचिव रजनीश किमटा ने कहा कि सभी विपक्षी दलों की शिमला में बैठक के फैसला का हिमाचल कांग्रेस स्वागत करती है। इससे प्रदेश कांग्रेस को और मजबूती मिलेगी। विपक्षी दलों की शिमला में बैठक होना गौरव की बात है।