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कांगड़ा में राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत 10,354 मामलों में से 5016 मामलों का निपटारा किया गया. इससे 12.93 करोड़ रुपए की राशि सेटल हुई. लोक अदालत में लिए गए फैसलों को चुनौती नहीं दी जा सकती. इस पहल से लंबित मामलों…और पढ़ें

लोक अदालत
हाइलाइट्स
- राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत 10,354 मामलों में से 5016 मामलों का निपटारा किया गया.
- इससे 12.93 करोड़ रुपए की राशि सेटल हुई.
- लोक अदालत में लिए गए फैसलों को चुनौती नहीं दी जा सकती.
कांगड़ा: पूरे देशभर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में भी न्यायालयों में लोकअदालत लगी. इसका नेतृत्व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कांगड़ा एवं जिला और सत्र न्यायाधीश राजीव बाली ने किया. इस लोक अदालत का उद्देश्य लंबित पड़े मामलों को तेजी से सुलझाना और आम लोगों को राहत दिलाना था.
5016 मामलों का हुआ निपटारा
इस लोक अदालत में कुल 10,354 केस लाए गए, जिनमें से 5016 मामलों का समझौते के जरिए निपटारा कर दिया गया. इसमें प्री-लिटिगेशन, एनआई एक्ट, धन वसूली, श्रम विवाद, बिजली-पानी बिल विवाद, वैवाहिक विवाद, मोटर दुर्घटना क्लेम, भूमि अधिग्रहण और राजस्व विवाद जैसे मामले शामिल थे. इस समझौते के तहत कुल 12,93,83,831 रुपए की राशि प्राप्त हुई, जिससे कई लोगों को राहत मिली.
पूरे देश भर में लगाई गई राष्ट्रीय लोक अदालत
लोक अदालत में किए गए फैसलों को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती, क्योंकि इन्हें न्यायिक अधिकारियों की मंजूरी मिलती है. यह अंतिम एवं स्थायी समाधान माने जाते हैं. हालांकि, यदि दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बनती, तो मामला वापस संबंधित अदालत में भेज दिया जाएगा. दिल्ली में यह लोक अदालत हाई कोर्ट और सभी सात जिला अदालतों में आयोजित की गई.
दिल्ली समेत पूरे देश में आयोजित हुई लोक अदालत
देशभर में लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट और सभी सात जिला अदालतों में भी मामले निपटाए गए हैं. इस पहल का मुख्य उद्देश्य तेजी से न्याय दिलाना और अदालतों में लंबित मामलों को कम करना है.
लोगों को मिली राहत
सत्यपाल सिंह अपने केस को लेकर लोक अदालत पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत से उन्हें काफी फायदा हुआ. उनका केस कई सालों से पेंडिंग था, जो अब जाकर खत्म हुआ. उन्होंने कहा कि देशभर में लाखों मामले पेंडिंग पड़े हैं, जिससे आम आदमी परेशान रहता है. ऐसे में इस तरह के प्रयास आम लोगों के लिए राहत भरे होते हैं.
क्यों जरूरी है राष्ट्रीय लोक अदालत?
राष्ट्रीय लोक अदालत में तेजी से न्याय मिलता है. आमतौर पर मामलों का निपटारा सालों तक नहीं हो पाता, लेकिन लोक अदालत में केस तुरंत सुलझाए जाते हैं. इस फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती. कोर्ट द्वारा स्वीकृत ये समझौते अंतिम और स्थायी होते हैं, जिससे लोगों को बार- बार कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं.
लोक अदालत में छोटे- बड़े सभी केसों का निपटारा किया जाता है, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को विशेष लाभ मिलता है. लाखों लंबित मामलों का निपटारा लोक अदालत के जरिए कर दिया जाता है, जिससे अदालतों का भार कम होता है और न्याय प्रक्रिया तेज होती है.
Kangra,Himachal Pradesh
March 10, 2025, 15:32 IST
राष्ट्रीय लोक अदालत में बड़ा फैसला! कांगड़ा में 5016 केस सुलझाए गए