यमुनानगर10 घंटे पहले
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मृतक रीना का फाइल फोटो।
हरियाणा के यमुनानगर में एक व्यक्ति ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दी। पहले तो पत्नी की गोली मार कर हत्या कर दी। तीन दिन शव बैडरुम में पड़ा रहा। वहां से दुर्गंध आने लगी तो प्लॉट में मिट्टी में दबा दिया। महिला के मायके वालों को शक हुआ तो 10 दिन बाद वारदात से पर्दा उठा। पुलिस ने क्षत विक्षत शव को गड्ढे से निकाला और फोरेंसिक जांच के बाद इसे पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया।
जानकारी अनुसार रादौर की शिव कॉलोनी में रहने वाले राकेश सैनी की शादी 18 नवंबर 2005 को हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के कोडका गांव की रीना के साथ हुई थी। राकेश सिक्योरिटी गार्ड का काम करता है और उसके पास अपनी लाइसेंसी गन है। 20 सितंबर को उसने रीना के मायके के लोगों को बताया कि रीना घर से गायब है। इसके बाद उसकी तलाश की गई, लेकिन सुराग नहीं लगा।

रीना के शव को निकालने के लिए प्लाट में पहुंची पुलिस टीम।
3 दिन बैडरुम में रहा शव
रीना के परिजनों ने राकेश से सख्ती से पूछताछ की तो शनिवार को सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ। रीना के भाई ने बताया कि उसके जीजा राकेश ने 20 सितंबर को अपनी पत्नी रीना की गोली मार कर हत्या कर दी। तीन दिन शव बैडरूम में पड़ा रहा। इसके बाद उसे दुर्गंध आने पर प्लाट में मिट्टी में गाड़ दिया।
डीएसपी गुरमेल सिंह व फॉरेंसिक टीम ने शनिवार को प्लाट में मिट्टी खोद कर रीना के शव को निकाला। शव बुरी तरह से खराब हो चुका था और बदबू उठ रही थी। पुलिस ने उसके पति राकेश सैनी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।
सुबह 4 बजे मारी गोली
पता चला है कि राकेश का 20 सितंबर की रात को किसी बात को लेकर अपनी पत्नी से विवाद हो गया था। उसने सुबह 4 बजे अपनी लाइसेंसी गन से गोली मार कर उसकी हत्या कर दी। घर में अन्य लोग भी थे, लेकिन उनको इस वारदात की भनक तक नहीं लगी। घर में लगे सीसीटीवी कैमरों को भी उसने बंद कर दिया था।

इस बैडरुम में मारी रीना को गोली।
बेटा बोला- पिता हिंसक
राकेश सैनी के बेटे जसविंद्र व मोक्ष ने बताया कि उसके पिता राकेश सैनी मानसिक रोगी हैं। वह हिंसक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। आए दिन घर में झगड़ा करते और उनकी मां रीना रानी को परेशान करते थे।
दादा सरदारा सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे
हत्यारोपी आरोपी राकेश सैनी के दादा सरदारा सिंह नेताजी सुभाषचंद्र बोस की सेना में सिपाही थे। जिन्हें सरकार की ओर से स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर सम्मान दिया गया था।