प्राकृतिक आपदा का देवभूमि पर असर : 3: बारिश से ज्यादा नमी से सेब की क्वालिटी गिरी ट्रांसपोर्टेशन नहीं होने से फल सड़ने का खतरा
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प्राकृतिक आपदा का देवभूमि पर असर : 3: बारिश से ज्यादा नमी से सेब की क्वालिटी गिरी ट्रांसपोर्टेशन नहीं होने से फल सड़ने का खतरा


शिमला2 घंटे पहले

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करीब 6 हजार करोड़ का बागवानी सेक्टर इस बार संकट में आ जाएगा।

हिमाचल में आपदा के कारण करीब 45 साल के बाद प्रमुख सेब उत्पादक राज्य बदहाल है। भारी बारिश से भूस्खलन होने से जहां एक ओर बागवानों के खेत टूटें हैं, वहीं सड़कें टूटी होने से सेब को अब मंडियों तक पहुंचाने में दिक्कत आ रही है। आने वाले दिनों में अगर बारिशें ऐसी रहीं तो प्रदेश में करीब 6 हजार करोड़ का बागवानी सेक्टर इस बार संकट में आ जाएगा। अभी तक प्रदेश में 293 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं। बारिश अधिक होने की वजह से सेब के बगीचे बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे है।

प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में 30 से 40% बगीचों में फंगल डिजीज के कारण लीव फॉल हो चुका है। इससे पौधों की हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है। बागवानी विशेषज्ञ एसपी भारद्वाज का कहना है कि बगीचों में जब 90% से ज्यादा नमी हो जाती है तो पतझड़ होने लगता है। बगीचाें में नमी की मात्रा 85% से कम होनी चाहिए। इस बार ज्यादा दिन तक बारिश हुई। बारिश की बूंदें पौधों के पत्ताें में चिपक गई, इस कारण लीफ फॉल होने लगा। वहीं, कोटखाई के बागवान ग्रोवर अंशुल शर्मा ने बताया, बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए बार-बार स्प्रे करनी पड़ रही है। इससे इनपुट कॉस्ट बढ़ती जा रही है।

हिमाचल में 6 हजार करोड़ का बागवानी सेक्टर

सेब उत्पादक प्रमुख क्षेत्रों में कहां क्या हालात

1. रामपुर क्षेत्र, शिमला… ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली 50 सड़कें बंद पड़ी हैं। 4 पंचायतों का संपर्क कट चुका हैै।यहां तकरीबन 5 से 7 लाख की सेब पेटियों का उत्पादन होता है।

2. कुल्लू-मनाली… कुल्लू में 97 सड़कें बंद हैं। बागवान आत्माराम कहते हैं, फसल को मेन मार्केट तक पहुंचाना काफी मुश्किल हो गया है। सड़कें टूटी हैं, इन पर मलबा गिरा है।

3. किन्नौर-कल्पा… सांगला वैली में 20 जुलाई को बादल फटा था। सब डिविजन कल्पा में 3 व निचार में 8 सड़कें बंद हैं। बागवान रामशरण नेगी का कहना है कि भारी बारिश के कारण सेब की फसल खराब हो रही है। हालांकि, अभी फसल तैयार हाेने में समय है, सरकार अभी से तैयारी करें।

  • आगे: टूटी सड़कें ठीक होंगी ताकि बागवानों को परेशानी न हो

प्रदेश के सेब बाहुल क्षेत्र लोअर बेल्ट में सेब सीजन शुरू है, जबकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 15 अगस्त के बाद से मंडी तक पहुंचेगा। ऐसे में सरकार का प्लान है कि फिलहाल सड़कों में अस्थाई तौर पर डंगे और मिट्टी भरी जाएगी,ताकि इस सेब सीजन को निपटाया जा सके।



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