प्राकृतिक आपदा का देवभूमि पर असर 5: हिमाचल में 1239 सड़कें, 832 घर और 260 दुकानें हो चुकीं क्षतिग्रस्त, उबरने में लगेगा दो साल से ज्यादा समय
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प्राकृतिक आपदा का देवभूमि पर असर 5: हिमाचल में 1239 सड़कें, 832 घर और 260 दुकानें हो चुकीं क्षतिग्रस्त, उबरने में लगेगा दो साल से ज्यादा समय


शिमलाएक घंटा पहले

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बाढ़ और भूस्खलन से 6649.48 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति को नुकसान ।

मॉनसून के दौरान प्रदेश में प्राकृतिक आपदा ने बारिश, बाढ़ व लैंडस्लाइड के रूप में खूब कहर बरसाया। कुल्लू, मंडी, सोलन, शिमला व किन्नौर में सबसे अधिक तबाही हुई। सूबे में बीते पांच दशकों से ऐसे हालात कभी नहीं हुए, जितना इस बार केवल जुलाई के एक ही महीने में हुआ। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव डीसी राणा के अनुसार बारिश-बाढ़ व भूस्खलन से 1239 से अधिक सड़कें टूटीं, जिनमें से 290 सड़कें अभी भी बंद हैं। दर्जन भर पुल, 832 घर, 260 दुकानें और 2399 गौशालाएं जमींदोज हुईं।

सरकारी व निजी संपत्ति को लगभग 6649.48 करोड़ का नुकसान हुआ है। प्रदेश में अब तक लैंड स्लाइड की 80 और फ्लैश फ्लड की 53 बड़ी घटनाएं हुई। 300 से ज्यादा बस रूटों पर महीने भर से बस सेवा शुरू नहीं हो पाई। प्रदेश में आपदा से 6649.48 करोड़ रुपए की सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान का आंकलन किया गया है, जबकि आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे लोक निर्माण विभाग को 2041.08, जल शक्ति विभाग को 1629.81 और बिजली बोर्ड को 1505.73 करोड़ का नुकसान हुआ है।

इसमें बिजली के 4686 ट्रांसफार्मर नष्ट हुए थे, अब भी 273 बंद हैं। जबकि पानी की 7829 स्कीमें और सिंचाई की 4076 स्कीमें भी खराब हुई।

चक्की मोड़ पर टूटी सड़क आज छोटे वाहनों के लिए हो सकती है बहाल

जाबली के पास चक्की मोड़ में भारी भू-स्खलन से बंद हुए कालका-शिमला एनएच पर ट्रैफिक बहाल करने का काम रविवार को भी पूरे दिन चलता रहा। है। पांच दिन से यहां वैकल्पिक सड़क बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन कटिंग बाद बार-बार पहाड़ी से मलबा गिरने से परेशानी हो रही है। एनएचएआई के रीजनल ऑफिसर अब्दुल बासित ने कहा कि मौसम साफ रहा तो सोमवार दोपहर तक चक्की मोड़ पर छोटे वाहनों के लिए सिंगल साइड ट्रैफिक बहाल कर दिया जाएगा। सबसे पहले चक्की मोड़ पर ट्रैफिक को बहाल करने का टारगेट है।

कुल्लू-मनाली में सबसे ज्यादा नुकसान

कुल्लू जिला में सबसे अधिक त्रासदी हुई। यहां के मनाली, सैंज घाटी और मणिकर्ण-कसोल में नदियों की बाढ़ ने सड़कों, घरों-गौशालाओं, स्कूल भवनों और होटलों तक को ध्वस्त किया। सोलन जिला के शामती में पहाड़ी धसने से सौ से अधिक घर खाली करवाए गए, दर्जन भर घर गिर भी चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अब तक आपदा से 832 मकान जमीदोंज हुए, जबकि 7401 को नुकसान पहुंचा, जिसमें सैकड़ों लोगों को बेघर होना पड़ा।



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