शिमला20 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
सोलन के कुमारहट्टी में गुरुद्वारे में चल रहीं एक स्कूल की कक्षाएं।
हिमाचल में इस बार मानसून ने स्कूलों के भवनों को भी खासा नुकसान पहुंचाया है। प्रदेशभर में करीब 225 स्कूल पूरी तरह से डैमेज हुए हैं। कई स्कूल तो ऐसे हैं, जो पूरी तरह से तहस-नहस हो गए हैं। ऐसे में कुछ स्कूलों को गांव के सामुदायिक भवनों में चलाया जा रहा है, तो कुछ के लिए सरकार ने किराए पर कमरे लिए हैं, वहीं कुछ स्कूल गुरुद्वारे और पंचायत भवनों में चले हुए हैं। जिला कुल्लू में सबसे 120 स्कूल पूरी तरह से टूटे हैं। यहां क्लासें लगाने के लिए कुछ भी नहीं बचा। जिला कुल्लू मनाली में अभी भी स्कूल बंद हैं। यहां पर ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। इसी तरह सोलन, शिमला, मंडी में भी स्कूलों की हालत खस्ता हुई हैं। कई स्कूलों में दरारें आ गई हैं तो कई स्कूल जमींदोज हो गए हैं। वहीं भारी बारिश से प्रदेश के कॉलेजों को लगभग 7 करोड़ का नुकसान हुआ है। शिक्षा विभाग ने कॉलेजों की नुकसान की रिपोर्ट सरकार को भेज दी है, जबकि स्कूलों की रिपोर्ट अभी तैयार की जा रही है। हालांकि, अभी कई जिलों से नुकसान की रिपोर्ट आनी बाकी हैं।
विभाग भेजेगा कंपाइल रिपोर्ट
बारिश से स्कूलों को नुकसान की रिपोर्ट आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को शिक्षा विभाग भेजेगा। इसके बाद बजट जारी कर मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने बीते दिनों जिला उपनिदेशकों से बारिश से नुकसान की रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन कई जिलों में सड़क व बिजली की कनेक्टिविटी न होने से पूरी रिपोर्ट नहीं आ पाई है।
शिक्षा विभाग को बारिश से करोड़ों का नुकसान हो चुका है। जिन क्षेत्रों में स्कूल-कॉलेजों के भवनों को क्षति पहुंची है। इसके लिए जल्द पैसा जारी होगा। मरम्मत व निर्माण जल्द होंगे। छात्रों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है। किसी छात्र की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। –रोहित ठाकुर, शिक्षा मंत्री, हिमाचल सरकार

सरकारी स्कूल प्रबंधकों से नुकसान की आई रिपोर्ट निदेशालय को भेज रहे हैं। 20 स्कूलों की सूची भेज दी है, जो पूरी तरह से डैमेज हुए हैं। -डॉ. जगदीश नेगी, शिक्षा उपनिदेशक, उच्च शिक्षा
अब आगे क्या
सरकार फिलहाल बच्चों की पढ़ाई पर फोकस कर रही है। जहां बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे है, वहां ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है, लेकिन जहां पर स्कूल नहीं है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। स्कूलों की मरम्मत कैसे होगी, इस पर प्लान तैयार हो रहा है। फिलहाल स्कूलों बच्चों को दिक्कत न आए इस पर एजुकेशन डिपार्टमेंट और सरकार फोकस कर रही हैं।