नेता प्रतिपक्ष को PWD मंत्री की नसीहत: बोले- जयराम ने RD मिनिस्टर रहते हुए क्या किया; इसे लेकर उनका मुंह न खुलाए
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नेता प्रतिपक्ष को PWD मंत्री की नसीहत: बोले- जयराम ने RD मिनिस्टर रहते हुए क्या किया; इसे लेकर उनका मुंह न खुलाए


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शिमलाएक घंटा पहले

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हिमाचल के PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर पलटवार किया है। उन्होंने जयराम पर तंज कसते हुए कहा कि जब वह धूमल सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री थे, तब उनकी क्या कार्य प्रणाली रही। इसे लेकर उनका मुंह न खुलवाए। इसलिए बिना मतलब की बयानबाजी न करें और आपदा की घड़ी में केंद्र से ज्यादा बजट लाने में सरकार का सहयोग करें। इस तरह की बयानबाजी से न उनके और न ही BJP के वोट बढ़ने वाले है।

PWD मंत्री ने जयराम ठाकुर के मुफ्त में काम करने के इच्छुक BJP नेताओं की जेसीबी से जुड़े सवाल पर कहा कि नेता प्रतिपक्ष शाम पांच बजे तक ऐसी JCB की सूची उन्हें दे दें। सभी को काम दे दिया जाएगा। दरअसल, पिछले कल जयराम ठाकुर ने कहा था कि BJP नेताओं की JCB को काम नहीं दिया जा रहा है। इस पर विक्रमादित्य सिंह ने आज पलटवार किया है।

देश के संघीय ढ़ांचे को हिलाने की कोशिश: विक्रमादित्य

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आज देश के संघीय ढांचे की बुनियाद को हिलाने की कोशिश की जा रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। दिल्ली में भी चुनी हुई सरकार के खिलाफ समानांतर गवर्नमेंट खड़ी कर दी गई है। देश के भविष्य के लिए यह अच्छी बात नहीं है। इसके खिलाफ देश में आवाजे उठनी शुरू हो गई है।

राष्ट्रीय आपदा घोषित न करना दुर्भाग्यपूर्ण

PWD मंत्री ने कहा कि हिमाचल में राष्ट्रीय आपदा घोषित न करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पहले गुजरात के भुज में जब भूकंप से तबाही हुई थी तो वहां राष्ट्रीय आपदा घोषित की गई। उत्तराखंड में भी 2014 में राष्ट्रीय आपदा घोषित की गई। हिमाचल में 350 लोगों की जान चली गई। 15 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति तबाह हो गई। सैकड़ों मवेशी इस आपदा में मृत हुए। फिर भी राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं की गई।

15 सितंबर तक सड़कें बहाल करने की डेडलाइन: मंत्री

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड से क्षतिग्रस्त सभी सड़कें 15 सितंबर तक खोलने की डेडलाइन फिक्स की गई है। PWD मंत्री ने कहा कि इसे लेकर सभी अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए है। जिस क्षेत्र में सड़कें डेडलाइन के भीतर नहीं खोली जाएगी, उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब 140 सड़कें ही बंद पड़ी है।

शिमला से दफ्तर ईधर-उधर शिफ्ट करने की जरूरत

PWD मंत्री ने कहा कि शिमला शहर को आज डी-कंजस्ट करना जरूरी है। इसलिए सैटेलाइट टॉउन विकसित करने की जरूरत है। जाठियादेवी में इस दिशा में काम शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सचिवालय को छोड़कर दूसरे दफ्तर प्रदेश से बाहर शिफ्ट करने की जरूरत है, ताकि शिमला पर बिल्डिंग के बोझ को कम किया जा सके।

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