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धर्मशाला में धीरज महाजन ने अनोखे तरह से मनाया महिला दिवस, महिलाओं के चेहरे पर आई मुस्कान

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Unique Womens Day Celebration: धर्मशाला में धीरज महाजन ने महिला दिवस के मौके पर 150 से ज्यादा महिलाओं को पौधे उपहार में देकर अनोखी पहल की. मजदूर महिलाओं, गृहणियों, छात्राओं और पुलिसकर्मियों को यह सौगात देकर उन्…और पढ़ें

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पौधा

पौधा भेंट करते हुए धीरज महाजन 

हाइलाइट्स

  • धीरज महाजन ने धर्मशाला में 150 महिलाओं को पौधे उपहार में दिए.
  • महिलाओं को पौधे देकर नारीशक्ति और प्रकृति की समानता दर्शाई.
  • महिलाओं के आत्मसम्मान और प्यार का प्रतीक बने पौधे.

हर साल महिला दिवस पर बड़े मंच सजते हैं, भाषण दिए जाते हैं, सम्मान समारोह होते हैं. लेकिन हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में क्रांति संस्था के संस्थापक धीरज महाजन ने इस बार महिला दिवस का जश्न मनाने का ऐसा तरीका चुना, जिसने हर महिला के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी.

हर महिला के हाथ में हरियाली की सौगात
इस खास मौके पर धीरज महाजन ने 150 से अधिक महिलाओं को पौधे उपहार में दिए. इनमें घरों को संभालने वाली गृहणियां थीं, दिन-रात मेहनत करने वाली मजदूर महिलाएं थीं, समाज की सुरक्षा में जुटी महिला पुलिसकर्मी और पढ़ाई में जुटी छात्राएं भी. हर किसी को इस छोटे से उपहार ने बड़ा संदेश दिया—जैसे पौधे बढ़ते हैं, वैसे ही महिलाओं को भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के मौके मिलते रहने चाहिए.

महिला दिवस पर जब बाकी जगह सम्मान पत्र और ट्रॉफियां दी जा रही थीं, तब धीरज महाजन ने हर महिला के हाथ में एक जीवनदायी पौधा देकर प्रकृति और नारीशक्ति के बीच की खूबसूरत समानता को उजागर किया. महिलाओं के चेहरे की चमक इस बात का प्रमाण थी कि यह पहल उनके दिल को छू गई.

धीरज महाजन का संदेश
धीरज महाजन का मानना है कि महिलाओं को सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि हर दिन समानता और सम्मान मिलना चाहिए. वे कहते हैं कि एक महिला सिर्फ अपने परिवार की नहीं, पूरे समाज की नींव होती है. वह हर दिन मेहनत करती है, त्याग करती है और बिना किसी शिकायत के आगे बढ़ती रहती है. ऐसे में हमें भी उसके अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए.”

धीरज का यह विचार नारीशक्ति को सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि वास्तविकता में सम्मान देने की प्रेरणा देता है. वे मानते हैं कि जिस तरह एक पौधा धीरे-धीरे बड़ा होता है और छांव देता है, वैसे ही अगर महिलाओं को सही अवसर मिलें, तो वे पूरी दुनिया को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती हैं.

संस्कारों से जुड़ी पहल
महिला दिवस पर पौधे देने का यह अनोखा तरीका सिर्फ एक उपहार नहीं, बल्कि समाज में हरियाली और समानता की सोच को बढ़ावा देने का एक कदम था. यह पहल बताती है कि महिलाओं को सराहने के लिए महंगे उपहारों की नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और सच्चे सम्मान की जरूरत होती है.

जब महिलाएं इन पौधों की देखभाल करेंगी, तो यह सिर्फ एक पेड़ नहीं, बल्कि उनके आत्मसम्मान और प्यार का प्रतीक बन जाएगा.

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