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शिमला22 मिनट पहले
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चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे (NH) हिमाचल के पंडोह में आज दिन में बीच-बीच में बंद रखा जाएगा। NH पर पांच दिन पहले गिरे बड़े-बड़े पत्थरों को तोड़ने के लिए ब्लास्टिंग की जाएगी। इस वजह से कुछ देर के लिए दिन में चार से पांच बार ट्रैफिक को बंद किया जा सकता। इससे खासकर मनाली आने-जाने वाले सैलानियों व स्थानीय लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
वहीं प्रदेश में इस बार जून महीने के दौरान नॉर्मल से 20 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। प्रदेश में छह साल बाद जून में नॉर्मल से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। सोलन जिले में नॉर्मल से 84 फीसदी और मंडी जिले में 69 फीसदी अधिक बरसात हुई है।
नॉर्मल बारिश से तुलना न करें तो मंडी में सबसे ज्यादा 289.4 मिलीमीटर, सोलन में 252.6 मिलीमीटर, सिरमौर में 229.8 मिलीमीटर और कांगड़ा में 207.2 मिलीमीटर बरसात हुई है। 24 घंटे के भीतर मंडी के कटोला में सबसे ज्यादा 164 मिलीमीटर बारिश हुई।

प्रदेश में एक से 30 जून तक औसत 101.1 मिलीमीटर बारिश होती है। इस बार 121.7 मिलीमीटर बारिश हुई है। वहीं लाहौल स्पीति जिले में नॉर्मल से 66 फीसदी कम बारिश हुई है। ऊना जिले में भी नॉर्मल से सात प्रतिशत और किन्नौर में भी चार प्रतिशत कम बारिश हुई है।
28 से 30 जून के बीच 45 फीसदी कम बारिश
प्रदेश में 24 जून को मानसून की एंट्री हुई है। इस दिन से 27 जून तक प्रदेश में नॉर्मल से लगभग 135 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है, लेकिन 28 से 30 जून के बीच नॉर्मल की तुलना में 45 प्रतिशत कम बरसात हुई।
बर्फ पिघलने से चंद्रभागा नदी में बाढ़
लाहौल स्पीति में पूरे महीने में मात्र 16.1 मिलीमीटर बारिश हुई है। इससे जिले में गर्म मौसम गर्म बना हुआ है। यही वजह है कि जिले की ऊंची चोटियों पर बर्फ तेजी से पिघल रही है। इससे चंद्रभागा नदी में सात-आठ दिन से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। लाहौल सब डिवीजन के जबरोंग गांव में जल स्तर बढ़ने से स्थानीय किसानों की जमीन जलमग्न हो गई है।

आज कम ऊंचे व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश
मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक आज कम ऊंचे और मध्यम ऊंचाई वाले कई क्षेत्रों में बारिश हो सकती है, लेकिन कल कुछ एक स्थानों पर ही बारिश का पूर्वानुमान है। परसों फिर ज्यादा इलाकों में बारिश हो सकती है।
242 करोड़ की संपत्ति तबाह
प्रदेश में अब तक मानसून के दौरान विभिन्न कारणों से 24 लोगों की मौत और 242 करोड़ रुपए की संपत्ति बरसात से तबाह हो चुकी है। छह मकान पूरी तरह और 41 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। प्रदेश में 35 सड़कें पांच दिन से बंद पड़ी हैं।