अवैध ढंग से भारत आ रहा ईरानी सेब: हिमाचल विधानसभा में गूंजा मामला; MLA कुलदीप बोले- अफगानिस्तान के रास्ते लाया जा रहा
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अवैध ढंग से भारत आ रहा ईरानी सेब: हिमाचल विधानसभा में गूंजा मामला; MLA कुलदीप बोले- अफगानिस्तान के रास्ते लाया जा रहा


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शिमला7 घंटे पहले

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हिमाचल विधानसभा में शनिवार को भारत के बाजारों में अ‌वैध ढंग से सेब आयात का मामला गूंजा। ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि ईरान का सेब अफगानिस्तान होते हुए देश के बाजारों में लाया जा रहा है, क्योंकि अफगानिस्तान के सेब पर इंपोर्ट-ड्यूटी नहीं लगती। उन्होंने कहा कि इसे बाघा बॉर्डर से लाया जा रहा है।

इसलिए इंपोर्ट ड्यूटी से बचने को व्यापारी इसे अफगानिस्तान के रास्ते ला रहे हैं। इससे पर रोक लगनी चाहिए। इससे न केवल हिमाचल, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड की एप्पल इंडस्ट्री पर संकट पैदा हो गया है, बल्कि केंद्र को भी रेवेन्यू के रूप ने नुकसान हो रहा है।

इंपोर्ट ड्यूटी घटाई तो बर्बाद होगा हिमाचल का सेब उद्योग

कुलदीप राठौर ने विपक्ष यानी भारतीय जनता पार्टी नेताओं से भी सदन में आग्रह किया कि केंद्र से यह मुद्दा उठाया जाए और अवैध ढंग से सेब आयात पर रोक लगाने का आग्रह किया जाए। साथ ही वाशिंगटन एप्पल पर इंपोर्ट ड्यूटी को 70 फीसदी रखने की मांग करें।

केंद्र ने जून महीने में ही वाशिंगटन एप्पल पर इंपोर्ट ड्यूटी 70 फीसदी से घटाकर 50 प्रतिशत की है। कुलदीप राठौर ने कहा कि अब इसे 15 प्रतिशत करने की तैयारी है। ऐसा नहीं होना चाहिए। इससे हिमाचल का 55 हजार करोड़ रुपए का सेब उद्योग बर्बाद हो जाएगा और हजारों परिवारों की रोजी-रोटी का प्रबंध करने वाला सेब उद्योग बर्बाद हो जाएगा।

PM मोदी अपना वादा पूरा करें: नेगी

हिमाचलव विधानसभा में बागवानी मंत्री जगत नेगी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने 2014 में हमीरपुर में सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का वादा किया था। केंद्र सरकार ने नौ साल में भी इस वादे को पूरा नहीं किया। उल्टा अब इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर बागवानों को चिंता में डाल दिया है।

बागवानों की चिंता का कारण ये सरकारी आंकड़े

ईरानी सेब की दस्तक और वाशिंगटन एप्पल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने से हिमाचली बागवानों की चिंताएं बढ़नी शुरू हो गई है। इनकी चिंता का कारण मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के आंकड़े हैं। मंत्रालय के अनुसार, साल 2017-18 में जब वॉशिंगटन एप्पल पर इंपोर्ट-ड्यूटी 50% थी, तब वॉशिंगटन से भारत के लिए 1,27,908 मीट्रिक टन एप्पल इंपोर्ट किया गया था।

साल 2018 में सेब पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 70% की गई। इसके बाद वित्त वर्ष 2022-23 में वाशिंगटन से सेब का इंपोर्ट कम होकर मात्र 4,486 टन रह गया। यानी इंपोर्ट ड्यूटी 50 से 70 प्रतिशत करने के बाद सेब का आयात 29 गुणा कम हो गया। जब यह घटकर 15% हो जाएगी, तो सेब का आयात कई गुणा बढ़ेगा।

वहीं इस साल ईरान से बड़ी मात्रा में सेब आयात हो रहा है। इसकी मार आगामी दिनों में कोल्ड स्टोर में रखे जाने वाले सेब पर पड़ेगी।

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